Saturday, March 21, 2020

विद्यालय भवन सेनिटाईज़ेशन 
        जोधपुर ज़िला कलक्टर श्रीमान प्रकाश राजपुरोहित ने हाल ही में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए ज़िले के समस्त कार्यालयों के कार्यालयाध्यक्षों एंव प्रभारी अधिकारियों को उनके अधीन राजकीय कार्यालयों में 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराईड के घोल से फर्श, रेलिंग, दरवाज़ों, सीढ़ियों और कुर्सियों तथा अलमारियों के हत्थे आदि को दिन में दो तीन बार साफ़ करवाने के निर्देश दिए हैं .  

              कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए तथा विभागीय निर्देशों की अनुपालना में, विद्यालय प्रधानाचार्य की अगुवाई में विद्यालय स्टाफ तथा कार्मिकों द्वारा विद्यालय भवन को संक्रमण मुक्त करने हेतु सोडियम हाईपोक्लोराईड के घोल से सेनिटाईज़ किया गया .


                   प्रधानाचार्य श्रीमान मज़ाहिर सुलतान ज़ई के दिशा निर्देश में इस कार्य का शुभारम्भ जीव विज्ञान व्याख्याता श्रीमान दौलत सिंह जोधा, रसायन विज्ञान व्याख्याता श्रीमान अशरफ़ शैख़, सहायक कर्मचारी श्रीमती लीला और श्रीमती राधा देवी आदि ने किया . साथ ही प्रधानाचार्य महोदय ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रतिदिन दो तीन बार उक्त प्रक्रिया को दोहराने हेतु आदेशित किया .  



इस मौक़े पर शाला के भौतिक विज्ञान व्याख्याता श्रीमान घनश्याम लाल चौहान ने उपस्थित स्टाफ़ सदस्यों को मास्क भी वितरित किये .    



Reported by :
Akmal Naeem Siddiqui

Sunday, March 15, 2020

स्कूल फेयरवेल गीत



स्कूल फेयरवेल गीत (22/2/2018)
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी
गुजारे हैं यहां जो दिन फ़िर उनकी याद आयेगी  
दर ओ दीवार की पिक्चर नज़र में झिलमिलायेगी   
ये खिड़की और दरवाज़े यहां के हालगलियारे
ये मैंदां और हरियाली नज़र कब भूल पायेगी
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी

झगड़ना याद आयेगा बिगड़ना याद आयेगा
कभी यारों की खातिर भी अकड़ना याद आयेगा
कभी रेसिस में भग जानाकभी छुट्टी तलक रुकना
कभी वर्मा जी का तुमको पकड़ना याद आयेगा
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी

कभी घनश्याम जी का रोज़ पढ़ाना याद आयेगा
कभी कर्नल का तुमको हड़बड़ाना याद आयेगा
ना लादूराम जी होंगे न शर्मा जी मिलेंगे फिर
प्रिंसिपल सर का वो चेहरा सुहाना याद आयेगा
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी

नविताजीविनयजी की सरलता याद आयेगी
तुम्हें जसराज जी की वाक चपलता याद आयेगी
वो रानी जीवो प्रियंकावो चारण सरउमा दीदी
अमर मैडम की हिन्दी में कुशलता याद आयेगी
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी

तुम्हें कीड़ों की गोली वो चबानी याद आयेगी
कभी अकमल की बोली वो सुहानी याद आयेगी
अनिल सा और अरुण सा और बबल सा और ये धनजी
वो जैताराम जी वो रंजना मैडम,वो खोजा जी
वो दीपक कौर मैडम की भी वाणी याद आयेगी
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी
तुम्हारे साथ थे हम सब मगर अब साथ न होंगे
दुआ पर कामयाबी की तुम्हारे साथ जायेगी
अकमल नईम अकमल

Sunday, March 1, 2020

HEARTFULNESS ESSAY EVENT 2019 
आयोजक 
श्री रामचंद्र मिशन यूनाईटेड नेशंस इन्फोर्मेशन सेंटर एंड हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट 
विद्यालय को प्रतियोगिया सफल बनाने में अपना सक्रिय सहयोग देने के लिए केरू स्थित हार्टफुलनेस सेंटर में सम्मानित किया गया .


इस अवसर पर मेडिटेशन की तकनीक और इसके प्रभावों पर विस्तृत चर्चा प्रस्तुत की गई .


इस प्रतियोगिता में ज़िला स्तर पर विद्यालय के चार छात्रों ने पुरूस्कार प्राप्त किये .

एल.एन.भटनागर की नाट्यकृति ’’रिश्तों के आवरण’’ का विमोचन

अहिंसा सभागार बना साहित्यिक कृति के विमोचन का गवाह 
एल.एन.भटनागर की नाट्यकृति ’’रिश्तों के आवरण’’ का विमोचन





जोधपुर 29 फरवरी। ’’छन्द देवताओं के वचन हैं.., नाटक दृश्य को शब्दों के अन्दर छिपाता है जिसे अभिनेता दर्शकों तक लाने का माध्यम बनता है......, वेदों से पाठ्य, प्राण, अभिनय और रस को मिलाकर नाटक बनता है...’’ यह उद्गार राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के अध्यक्ष डाॅ. अर्जुनदेव चारण ने लक्ष्मीनारायण भटनागर की नाट्यकृति ’’रिश्तों के आवरण’’ के विमोचन के अवसर पर महात्मा गांधी स्कूल के अहिंसा सभागार में शनिवार को आयोजित विमोचन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये, कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा ने नाटक को देखने और खेलने वालों की सम्पत्ति बताया।


अवनी संस्था के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में सचिव शब्बीर हुसैन ने बताया कि हरीश देवनानी के स्वागत उद्बोधन से प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में डाॅ. सुनील माथुर और रंगकर्मी व प्रधानाचार्य मज़ाहिर सुलतान ज़ई ने कृति और कृतिकार पर पत्रवाचन किया, कृतिकार भटनागर ने नारी की मर्यादा, संस्कारों और भारतीय संस्कृति को जीवित रखने के मूल भाव को दृष्टिगत रखकर नाटक रचने की क्रिया के बारे में बताया, विशिष्ठ अतिथि आकाशवाणी जोधपुर के पूर्व केन्द्र निदेशक अनिल कुमार राम ने कहा कि संस्कारों को आत्मसात करने के लिये उपदेश की नहीं बल्कि व्यावहारिकता पूर्वक देखने की आवश्यकता होती है अरविन्द भट्ट ने पुस्तक की प्रासंगिकता पर टिप्पणी की .



कार्यक्रम में हबीब कैफी, प्रमोद वैष्णव, आशीष चारण, अरू व्यास, ओमकार वर्मा, सईद ख़ान, मुकुट माथुर, मदन बोराणा, विनय प्रकाश, अकमल नईम, रतनसिंह चम्पावत, भवानी सिंह, अजयकरण जोशी सहित रंगकर्मी, साहित्यकार एवं प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

तस्वीरों की गवाही 






 कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी कमलेश तिवारी ने किया तथा शब्बीर हुसैन ने आभार व्यक्त किया।



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UPDATED BY
AKMAL NAEEM SIDDIQUI