Sunday, March 15, 2020

स्कूल फेयरवेल गीत



स्कूल फेयरवेल गीत (22/2/2018)
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी
गुजारे हैं यहां जो दिन फ़िर उनकी याद आयेगी  
दर ओ दीवार की पिक्चर नज़र में झिलमिलायेगी   
ये खिड़की और दरवाज़े यहां के हालगलियारे
ये मैंदां और हरियाली नज़र कब भूल पायेगी
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी

झगड़ना याद आयेगा बिगड़ना याद आयेगा
कभी यारों की खातिर भी अकड़ना याद आयेगा
कभी रेसिस में भग जानाकभी छुट्टी तलक रुकना
कभी वर्मा जी का तुमको पकड़ना याद आयेगा
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी

कभी घनश्याम जी का रोज़ पढ़ाना याद आयेगा
कभी कर्नल का तुमको हड़बड़ाना याद आयेगा
ना लादूराम जी होंगे न शर्मा जी मिलेंगे फिर
प्रिंसिपल सर का वो चेहरा सुहाना याद आयेगा
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी

नविताजीविनयजी की सरलता याद आयेगी
तुम्हें जसराज जी की वाक चपलता याद आयेगी
वो रानी जीवो प्रियंकावो चारण सरउमा दीदी
अमर मैडम की हिन्दी में कुशलता याद आयेगी
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी

तुम्हें कीड़ों की गोली वो चबानी याद आयेगी
कभी अकमल की बोली वो सुहानी याद आयेगी
अनिल सा और अरुण सा और बबल सा और ये धनजी
वो जैताराम जी वो रंजना मैडम,वो खोजा जी
वो दीपक कौर मैडम की भी वाणी याद आयेगी
करो न याद चाहे तुमहमारी याद आयेगी
रहो चाहे जहां भी तुम, हमारी याद आयेगी
तुम्हारे साथ थे हम सब मगर अब साथ न होंगे
दुआ पर कामयाबी की तुम्हारे साथ जायेगी
अकमल नईम अकमल

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