Sunday, December 15, 2024

चिंतन अभ्यास सत्र आयोजित

 *सुभोध गुप्ता की कलाकृतियाँ-*

सत्र की शुरुआत सुभोध गुप्ता की कलाकृतियों को वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित करके की गई। सुभोध गुप्ता, समकालीन भारतीय कलाकार, अपने कार्यों में रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे स्टील के बर्तन और अन्य घरेलू चीजों का उपयोग करते हैं। उनकी कला भारत की संस्कृति और सामूहिक पहचान को दर्शाती है।

विशेष रूप से, उनकी कलाकृति "We Are All in the Same Boat" पर चर्चा की गई, जो समानता और सामूहिकता का प्रतीक है। इस कृति के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि हम सभी एक साथ हैं और हमारे अनुभव आपस में जुड़े हुए हैं। विद्यार्थियों ने इस कलाकृति पर अपने विचार साझा किए और समानता की अवधारणा पर चर्चा की।

*अरना झरना संग्रहालय की खोज-*

अरना झरना, जोधपुर के निकट स्थित एक लोक संग्रहालय है, जहाँ राजस्थान के ग्रामीण जीवन और परंपराओं को संरक्षित किया गया है। मैंने पहले संग्रहालय का परिचय दिया और फिर विद्यार्थियों ने एक-एक करके इंटरनेट पर अरना झरना संग्रहालय पर एक लेख के कुछ भाग स्वयं से पढ़े और जानकारी साझा की। इसके बाद हमने अरना झरना संग्रहालय में रखी झाड़ुओं का अवलोकन किया और समझा कि ये झाड़ू उन घरों और उनके निर्माण के तरीकों के बारे में क्या बताते हैं। इस संग्रहालय के माध्यम से पर्यावरण के साथ मानव के संबंधों को समझने का प्रयास किया गया।संग्रहालयों के बारे में सीखना उनके लिए अत्यंत लाभकारी रहा। यह न केवल इतिहास और संस्कृति के प्रति उनकी जागरूकता को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें रचनात्मक सोच और सामूहिक कार्य का महत्व भी सिखाता है। संग्रहालय बनाने की प्रक्रिया के दौरान, उन्होंने अपनी कल्पनाशक्ति और अवलोकन कौशल का विकास किया, जो उनके समग्र शिक्षण अनुभव को समृद्ध करता है।

*संग्रहालय बनाने की प्रक्रिया-*

हमने चर्चा की कि एक संग्रहालय बनाने के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है। इस चर्चा के आधार पर विद्यार्थियों ने जोधपुर के बारे में एक संग्रहालय बनाया। इसमें उन्होंने अपने अवलोकन और वस्तुओं के बारे में जानकारी इकट्ठा की। 

विद्यार्थियों ने शहर को एक संग्रहालय के रूप में कल्पना की और समकालीन जोधपुर पर आधारित एक संग्रहालय के लिए विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने सोचा कि जोधपुर की संस्कृति, परंपरा, और आधुनिकता को प्रदर्शित करने के लिए कौन-कौन सी वस्तुएं शामिल की जानी चाहिए। उन्होंने इन वस्तुओं के बारे में लिखा और उनके चित्र भी बनाए।

*पर्यावरण और वास्तुकला की प्रदर्शनी*

अंत में, हमने पर्यावरण और वास्तुकला पर आधारित एक प्रदर्शनी-"Emerging Ecologies" का अन्वेषण किया। इस प्रदर्शनी ने सतत विकास, डिज़ाइन, और नवाचार के विचारों का गहन अन्वेषण किया। विद्यार्थियों ने देखा कि कैसे कला और वास्तुकला के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सकती है।

प्रदर्शनी का अन्वेषण विद्यार्थियों ने अवलोकन और चर्चा के माध्यम से किया। उन्होंने प्रदर्शनी की विभिन्न कलाकृतियों और डिज़ाइन तत्वों को देखा और यह समझने की कोशिश की कि वे पर्यावरण और सामाजिक स्थिरता के लिए कैसे योगदान करते हैं। इसके बाद, उन्होंने अपने विचार साझा किए और इन कलाकृतियों के महत्व पर चर्चा की।

अंत में, हमने पर्यावरण और वास्तुकला पर आधारित एक प्रदर्शनी का अन्वेषण किया। विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी की कुछ कलाकृतियों पर अपने विचार साझा किए और उन पर चर्चा की। 

*चिंतनात्मक अभ्यास-*

सत्र के अंतिम चरण में, विद्यार्थियों ने यह साझा कि या कि वे किस प्रकार के संग्रहालयों को देखना पसंद करेंगे और हम किस प्रकार के संग्रहालय बना सकते हैं। विद्यार्थियों ने अपने सुझाव दिए जैसे – पेड़ संग्रहालय, मछली संग्रहालय, अंतरिक्ष संग्रहालय, कल्पनाओं का संग्रहालय, खेल संग्रहालय आदि।

अंत में, सभी विद्यार्थियों ने पर्यावरण से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं को साझा किया और सत्र के दौरान उन्हें किन चीजों में कठिनाई हुई, इस पर चर्चा करके सत्र का समापन किया

Glimpses








School Desk

Akmal Naeem Siddiqui

Dec. 2024

Saturday, December 14, 2024

Students Visited FDDI, Jodhpur

 The Footwear Design and Development Institute (FDDI) Jodhpur is one of the campuses of FDDI, a premier institute in India specializing in education, training, and research in the fields of footwear design, leather goods, retail, fashion design, and allied industries. The Students of Class 11th and 12th visited the institute along with The Principal Mrs. Pratibha Sharma and the staff including Mrs. Nidhi Bhargava, Mr. Kapil saxena and Mr. Akmal Naeem. 





Here's an overview of the Jodhpur campus:

1. Location and Infrastructure

  • Situated in Jodhpur, Rajasthan, the campus is known for its modern infrastructure and serene environment conducive to learning.
  • The campus houses well-equipped classrooms, advanced labs, workshops, and a library to support theoretical and practical learning.

2. Programs Offered

FDDI Jodhpur offers undergraduate, postgraduate, and diploma courses, which typically include:

  • Footwear Design and Production
  • Retail and Fashion Merchandise
  • Fashion Design
  • Leather Goods and Accessories Design

3. Industry-Oriented Training

  • The institute places a strong emphasis on hands-on training and collaboration with the industry.
  • Students get opportunities to work on live projects and participate in internships to gain real-world exposure.

4. Placements

  • FDDI Jodhpur has a dedicated placement cell that assists students in securing jobs in leading companies.
  • Alumni often find placements in sectors like footwear manufacturing, fashion retail, design studios, and export houses.

5. Student Life

  • Students benefit from various co-curricular and extracurricular activities, including workshops, design competitions, cultural events, and sports.
  • The campus fosters a vibrant community of aspiring designers and professionals.

6. Reputation

  • FDDI is an institution of national importance under the Ministry of Commerce and Industry, Government of India.
  • The institute has a strong reputation for contributing skilled professionals to the footwear and design industries.

If you're interested in admission, the selection is typically based on performance in FDDI's All India Selection Test (AIST) or other criteria as specified for the program.



School Desk

Akmal Naeem 

9413844624

Glimpses





Wednesday, December 4, 2024

श्री स्वामी महेशानन्द गिरि ट्रस्ट द्वारा विद्यालय को सामग्री भेंट

 आज दिनांक 5 दिसम्बर 2024 को स्थानीय विद्यालय में श्री स्वामी महेशानन्द गिरि ट्रस्ट द्वारा स्थानीय विद्यालय को 4 ऑफ़िस अलमारी तथा 10 प्लास्टिक की कुर्सियां प्रदान की गईं।

            इस अवसर पर विद्यालय के अहिंसा सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुये श्री दुर्गा दत्त ओझा ने बताया कि ये हर्ष का विषय है कि महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालय, जालोरी गेट, जोधपुर  का परीक्षा परिणाम पिछले कई वर्षो से बहुत अच्छा रहा है । साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वो मन लगाकर अध्ययन करें और इस परम्परा को यथावत बनाये रखें । 


                इस अवसर पर स्थानीय विद्यालय के व्याख्याता श्री कपिल सक्सेना, श्री मनीष राठौड़ तथा अकमल  नईम द्वारा श्री दुर्गा दत्त ओझा का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया वहीं श्री प्रेमाराम जी द्वारा शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया । 

                





                    प्रधानाचार्य श्रीमती प्रतिभा शर्मा द्वारा अतिथि महोदय को धन्यवाद पत्र प्रदान किया गया । उन्होंने अपने उद्बोधन में संस्था को धन्यवाद करते हुये आश्वासन दिया कि विद्यालय परिवार अच्छे परीक्षा परिणामों की परम्परा को आगे भी क़ायम रखने के लिये प्रयासरत भी है और प्रतिबद्ध भी  ।


कार्यक्रम में उप प्राचार्य श्रीमती क्षिप्रा चौधरी भी उपस्थित थीं । 

कार्यक्रम का संचालन श्री मनीष राठौड़ द्वारा किया गया ।



School Desk

5 Dec. 2024

Monday, November 18, 2024

क्रिएटिव आर्ट्स एजुकेशन प्रोग्राम का शुभारम्भ

 आज स्कूल में कक्षा 7वीं और 9वीं के विद्यार्थियों के साथ क्रिएटिव आर्ट्स एजुकेशन प्रोग्राम का पहला दिन था, जिसे टीए फेलोज़ के साथ आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम लर्निंग थ्रू आर्ट्स, नैरेटिव्स एंड डिस्कोर्सेज (LAND) और पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट् ऑफ इंडिया (PATI)द्वारा संचालित है।

कार्यक्रम की शुरुआत में बच्चों को समकालीन लोक कलाकार भज्जू सिंह श्याम की पेंटिंग्स के बारे में जानने का अवसर मिला। भज्जू सिंह श्याम एक प्रसिद्ध गोंड कलाकार हैं, जिनकी चित्रकला उनके अनुभवों और लोक संस्कृति की गहराई को दर्शाती है। उन्होंने पारंपरिक गोंड कला को समकालीन संदर्भों में प्रस्तुत करके उसे एक नई पहचान दी है। उनकी पेंटिंग्स में रोज़मर्रा के जीवन, प्रकृति और कहानियों का अद्भुत चित्रण होता है, जो ग्रामीण जीवन के अनुभवों और समकालीन दृष्टिकोण का संगम है भज्जू सिंह श्याम ने अपने प्रसिद्ध कार्य लंदन जंगल बुक के माध्यम से एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जो उनके लंदन प्रवास का अनुभव है। इस किताब में उन्होंने अपनी गोंड कला शैली के माध्यम से लंदन शहर को जंगल के रूप में चित्रित किया है। भज्जू सिंह ने वहां की इमारतों, परिवहन, और लोगों को जानवरों के रूप में रूपांतरित कर अपने अनुभवों को एक अलग तरीके से दर्शाया है। यह किताब पारंपरिक गोंड कला और समकालीन अनुभवों का अद्भुत संगम है। समकालीन कला आज के समय की सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत कहानियों को एक रचनात्मक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है। यह कला परंपरागत तरीकों और नए प्रयोगों का मेल होती है, जो कलाकार की वर्तमान समय से जुड़ी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करती है।


विद्यार्थियों ने इन पेंटिंग्स के साथ कई गतिविधियाँ कीं, जिनमें उन्होंने जानवरों के गुणों और व्यवहार के बारे में आत्मीय रूप से जाना। इस प्रक्रिया के दौरान उन्होंने समकालीन लोक कला और ग्रामीण जीवन को भज्जू सिंह श्याम के संदर्भ में भी गहराई से समझा।

विद्यार्थियों ने चित्रकला, लेखन और आपसी चर्चा के माध्यम से अपनी-अपनी दृष्टिकोण पेंटिंग के बारे में साझा किेये और भज्जू सिंह श्याम के दृष्टिकोण को समझने का प्रयास किया। 



यह गतिविधि LAND और PATI के फेलोज़ प्रवीण सिंह भाटी और स्वधा जोशी द्वारा संचालित की गई।

Akmal Naeem Siddiqui

School Desk

17 November 2024


Sunday, November 17, 2024

बाल दिवस समारोह पूर्वक आयोजित

आज दिनांक 14 नवम्बर 2024 को स्थानीय विद्यालय में बाल दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया । 

14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में जन्में और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने पण्डित जवाहरलाल नेहरु भारत की याद में प्रत्येक वर्ष इस दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था ।

समारोह से एक दिवस पूर्व ही प्रधानाचार्य महोदया श्रीमती प्रतिभा शर्मा द्वारा बेठक का आयोजन कर समस्त गतिविधि प्रभारियों को मेले के सफल आयोजन हेतु दिशा निर्देश प्रदान किये गये । 


बाल दिवस के अवसर पर विद्यालय प्रांगण में प्रार्थना सभा के बाद सबसे पहले खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया ।  इन खेलों में चम्मच दौड़ और वालीबॉल के मुकाबले प्रमुख रहे । शारीरिक शिक्षक श्री दशरथ और श्री कमलेश के निर्देशन में ये प्रतियोगितायें सम्पन्न हुई ।



विद्यालय के अहिंसा सभागार में फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया ।

नन्हे मुन्ने विद्यार्थी श्रीराम, सीता माता, लक्ष्मी और हनुमान का रूप धर कर आये तो वहीं कुछ बच्चे चाचा नेहरु के रूप में उपस्थित हुये ।



इसके अतिरिक्त बच्चे पुलिस और फ़ौजी की यूनिफार्म में बड़े मनमोहक प्रतीत हो रहे थे । 

इन बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेकर दर्शको  का मन मोह लिया । कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती किरण देवड़ा और वैशाली लाम्बा ने बताया कि बच्चे इस कार्यक्रम के लिये बहुत अधिक उत्साहित थे ।


कार्यक्रम का संचालन श्री मनीष राठौड़ और भल्ला राम चौधरी ने किया । श्री आसिफ, श्रीमती ममता मौर्य व रश्मि लखेरा ने सहयोग प्रदान किया ।


विभिन्न प्रतियोगिताओं के मूल्यांकन के लिये व्याख्याता श्री चैनसिंह राजपुरोहित, योगेश दाधीच, अकमल नईम, सोनल सिंह जोधा आदि जज की भूमिका में रहे ।

विद्यालय के बाहरी प्रांगण में स्टॉल लगा कर मेले का आयोजन भी किया गया । ये मेला श्री अकमल नईम, निधि भार्गव और अंशु परिहार के निर्देशन में आयोजित किया गया था । 


मेले में बीस से अधिक स्टॉल्स लगाई गईं थी । जिनमें फ्रूट चाट, समोसे, पोहे, सैण्डविच, पानी पुरी, शर्बते मुहब्बत, निम्बू सोडा, कोल्ड कॉफी और पान की स्टाल्स लगाई गई । 








मेले में स्थानीय विद्यालय के विद्यार्थियों के अलावा उनके परिजनों ने भी खरीदारी की और व्यंजनों का आनन्द लिया ।




        उप प्राचार्य श्री अशरफ़ शेख तथा श्रीमती क्षिप्रा चौधरी एवम अन्य विद्यालय स्टॉफ ने भी मेले का अवलोकन किया । 

मेले का आयोजन अत्यंत सफल रहा । मेला अपने नियत समय से पूर्व ही समाप्त करना पड़ा क्योंकि बच्चों द्वारा बनाई गई समस्त सामग्री समय पूर्व ही बिक गई थी । 


झलकियां