*सुभोध गुप्ता की कलाकृतियाँ-*
सत्र की शुरुआत सुभोध गुप्ता की कलाकृतियों को वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित करके की गई। सुभोध गुप्ता, समकालीन भारतीय कलाकार, अपने कार्यों में रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे स्टील के बर्तन और अन्य घरेलू चीजों का उपयोग करते हैं। उनकी कला भारत की संस्कृति और सामूहिक पहचान को दर्शाती है।
विशेष रूप से, उनकी कलाकृति "We Are All in the Same Boat" पर चर्चा की गई, जो समानता और सामूहिकता का प्रतीक है। इस कृति के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि हम सभी एक साथ हैं और हमारे अनुभव आपस में जुड़े हुए हैं। विद्यार्थियों ने इस कलाकृति पर अपने विचार साझा किए और समानता की अवधारणा पर चर्चा की।
*अरना झरना संग्रहालय की खोज-*
अरना झरना, जोधपुर के निकट स्थित एक लोक संग्रहालय है, जहाँ राजस्थान के ग्रामीण जीवन और परंपराओं को संरक्षित किया गया है। मैंने पहले संग्रहालय का परिचय दिया और फिर विद्यार्थियों ने एक-एक करके इंटरनेट पर अरना झरना संग्रहालय पर एक लेख के कुछ भाग स्वयं से पढ़े और जानकारी साझा की। इसके बाद हमने अरना झरना संग्रहालय में रखी झाड़ुओं का अवलोकन किया और समझा कि ये झाड़ू उन घरों और उनके निर्माण के तरीकों के बारे में क्या बताते हैं। इस संग्रहालय के माध्यम से पर्यावरण के साथ मानव के संबंधों को समझने का प्रयास किया गया।संग्रहालयों के बारे में सीखना उनके लिए अत्यंत लाभकारी रहा। यह न केवल इतिहास और संस्कृति के प्रति उनकी जागरूकता को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें रचनात्मक सोच और सामूहिक कार्य का महत्व भी सिखाता है। संग्रहालय बनाने की प्रक्रिया के दौरान, उन्होंने अपनी कल्पनाशक्ति और अवलोकन कौशल का विकास किया, जो उनके समग्र शिक्षण अनुभव को समृद्ध करता है।
*संग्रहालय बनाने की प्रक्रिया-*
हमने चर्चा की कि एक संग्रहालय बनाने के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है। इस चर्चा के आधार पर विद्यार्थियों ने जोधपुर के बारे में एक संग्रहालय बनाया। इसमें उन्होंने अपने अवलोकन और वस्तुओं के बारे में जानकारी इकट्ठा की।
विद्यार्थियों ने शहर को एक संग्रहालय के रूप में कल्पना की और समकालीन जोधपुर पर आधारित एक संग्रहालय के लिए विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने सोचा कि जोधपुर की संस्कृति, परंपरा, और आधुनिकता को प्रदर्शित करने के लिए कौन-कौन सी वस्तुएं शामिल की जानी चाहिए। उन्होंने इन वस्तुओं के बारे में लिखा और उनके चित्र भी बनाए।
*पर्यावरण और वास्तुकला की प्रदर्शनी*
अंत में, हमने पर्यावरण और वास्तुकला पर आधारित एक प्रदर्शनी-"Emerging Ecologies" का अन्वेषण किया। इस प्रदर्शनी ने सतत विकास, डिज़ाइन, और नवाचार के विचारों का गहन अन्वेषण किया। विद्यार्थियों ने देखा कि कैसे कला और वास्तुकला के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सकती है।
प्रदर्शनी का अन्वेषण विद्यार्थियों ने अवलोकन और चर्चा के माध्यम से किया। उन्होंने प्रदर्शनी की विभिन्न कलाकृतियों और डिज़ाइन तत्वों को देखा और यह समझने की कोशिश की कि वे पर्यावरण और सामाजिक स्थिरता के लिए कैसे योगदान करते हैं। इसके बाद, उन्होंने अपने विचार साझा किए और इन कलाकृतियों के महत्व पर चर्चा की।
अंत में, हमने पर्यावरण और वास्तुकला पर आधारित एक प्रदर्शनी का अन्वेषण किया। विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी की कुछ कलाकृतियों पर अपने विचार साझा किए और उन पर चर्चा की।
*चिंतनात्मक अभ्यास-*
सत्र के अंतिम चरण में, विद्यार्थियों ने यह साझा कि या कि वे किस प्रकार के संग्रहालयों को देखना पसंद करेंगे और हम किस प्रकार के संग्रहालय बना सकते हैं। विद्यार्थियों ने अपने सुझाव दिए जैसे – पेड़ संग्रहालय, मछली संग्रहालय, अंतरिक्ष संग्रहालय, कल्पनाओं का संग्रहालय, खेल संग्रहालय आदि।
अंत में, सभी विद्यार्थियों ने पर्यावरण से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं को साझा किया और सत्र के दौरान उन्हें किन चीजों में कठिनाई हुई, इस पर चर्चा करके सत्र का समापन किया
Glimpses
School Desk
Akmal Naeem Siddiqui
Dec. 2024